1. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance)
यह बीमा उस स्थिति में मदद करता है जब आपकी गाड़ी से किसी तीसरे व्यक्ति को चोट लगती है, उसकी मौत हो जाती है, या उसकी संपत्ति को नुकसान होता है।
कवरेज में शामिल:
-
किसी तीसरे व्यक्ति को शारीरिक चोट या मृत्यु
-
तीसरे व्यक्ति की संपत्ति का नुकसान
कवरेज में शामिल नहीं:
-
आपकी अपनी गाड़ी को हुआ नुकसान
-
आपकी खुद की चोट या मृत्यु
-
चोरी या प्राकृतिक आपदाएं
अनिवार्यता:
भारत में यह इंश्योरेंस सभी वाहनों के लिए अनिवार्य (compulsory) होता है।
कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance)
यह बीमा थर्ड पार्टी के साथ-साथ आपकी अपनी गाड़ी और आपके खुद के नुकसान को भी कवर करता है।
कवरेज में शामिल:
- थर्ड पार्टी कवरेज
- आपकी गाड़ी का एक्सीडेंटल डैमेज
- चोरी
- आग लगना
- प्राकृतिक आपदाएं (जैसे बाढ़, तूफान, भूकंप आदि)
- खुद के शारीरिक नुकसान (यदि पर्सनल एक्सीडेंट कवर शामिल है)
कवरेज में शामिल नहीं:
-
कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर, जैसे ड्रिंक एंड ड्राइव, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना आदि
अनिवार्यता:
ये वैकल्पिक (optional) होता है, लेकिन ज्यादा सुरक्षा के लिए यह बेहतर विकल्प है।
मुख्य अंतर (मुख्य तुलना)
| बिंदु | थर्ड पार्टी इंश्योरेंस | कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस |
|---|---|---|
| कवरेज | केवल तीसरे पक्ष के लिए | तीसरे पक्ष + खुद की गाड़ी और ड्राइवर के लिए |
| कानूनी स्थिति | अनिवार्य | वैकल्पिक |
| खर्च | सस्ता | थोड़ा महंगा |
| अपनी गाड़ी को कवरेज | नहीं | हाँ |
| चोरी/प्राकृतिक आपदा | नहीं | हाँ |
अगर आप नयी गाड़ी ले रहे हैं या ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस लेना समझदारी होगी।
अगर बजट कम है और सिर्फ लीगल रिक्वायरमेंट पूरा करना है, तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी चलेगा।

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